Tiktok की भारत वापसी हो रही है क्या? लगभग पांच साल के लंबे इंतजार के बाद भारत में tiktok चर्चा का विषय बना हुआ है। कहा जा रहा है की यह ऐप भारत में वापस आने वाली है। 2020 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए टिकटक को बैन किया था।

क्या tiktok की भारत में वापसी हो रही है? कुछ यूजर्स का कहना ही की वे टिकटोक की वेबसाइट पर लॉगइन कर पा रहे हैं , जिससे भारतीय लोगों में इसके वापस आने की अटकलें तेज़ हो गई हैं। लेकिन आपको बता दें कि टिकटक अभी तक google play store और apple store में उपलब्ध नहीं है। सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए जून 2020 में नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रसिद्ध चीनी शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म tiktok और 58 एप्लिकेशंस को भारत में प्रतिबंध लगाया था।
क्या Tiktok भारत में वापसी कर पाएगी?
हालांकि अभी तक न तो भारत सरकार ने और ना ही टिकटक ने कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी है कि टिकटक भारत में वापस आने वाली है या नहीं । कुछ यूजर्स ने इस प्लेटफार्म पर एक्सेस किया और सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर करी। लेकिन X यानि पूर्व में ट्विटर पर कुछ लोगों ने जानकारी दी कि वे अभी तक टिकटक पर एक्सेस नहीं कर पाए हैं। इससे यही पता चल रहा है कि भारत में tiktok अभी तक आधिकारिक तौर पर वापसी नहीं कर पाई है। हो सकता है भारत–चीन के रिश्ते सुधारने के बाद इसे आधिकारिक रूप से भारत में वापसी करने का मौका मिल जाए।

Tiktok पर प्रतिबंध लगाने का कारण
आज से लगभग पांच साल पहले यानी जून 2020 में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए टिकटक तथा कई अन्य चीनी एप्लिकेशंस को भारत में प्रतिबंध लगाया था। केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगाने का कारण राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा बताया था। आंकड़ों के हिसाब से बता दें कि उसे वक्त भारत में टिकटक यूजर्स की संख्या लगभग 200 मिलियन के आसपास थी। भारतीय लोग इस ऐप का इस्तेमाल मनोरंजन और अति लघु वीडियो क्रिएट करने के लिए करते थे ।

भारतीय इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यह चाइनीस एप्लीकेशन यूजर्स के डाटा को चीनी सरकार को भेज सकते हैं। मंत्रालय के बयान के अनुसार कहा गया कि यह ऐप्स भारतीय अखंडता, संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। भारत सरकार की चिंता चीन के डाटा शेयरिंग कानून को लेकर थी, जिसके तहत चीन की कंपनियां उनके सरकार के साथ डाटा शेयर करने को बाध्य हो सकते हैं। इसी कारण भारतीय सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा बढ़ते नजर आ रहा था। और उस वक्त भारत और चीन के सीमा विवाद को लेकर सैनिकों और सरकारों के बीच गर्मी बनी हुई थी।